तमाम कोशिशो के बावजुद
हम ना भुला सके वो बाते
जो कभी की थी आँखोंसे
इजहारे इश्क की बाते
तमाम कोशिशो के बावजुद
हम खुद को बदल ना सके
एक बार लगी दिल की लगी को
ईस दिल की गहीराईयो को मिटा न सके
तमाम कोशिशो के बावजुद
हम बिलकुल ही रोक नही सके
हरवक्त सपनोमे तुम्हारा आना
©®डॉ सुजाता कुटे
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