तुमने देखा नही

तुमने देखा नही 
अश्क जो चेहरेपर ठहरे !

तुमने देखा नही 
सहमे जो दिले दर्द को !

 तुमने देखा नही 
 बेपनाह चाहतऔर दिवानगी को!

 तुमने देखा नही
ख्वाबो मे एहसास को !

तुमने देखा नही 
जिंदगी निभाने के कश्मकश को !

देखा तो बस जो 
आँखोसे दिखता है !

दिखावे के आड मे 
सबकुछ छीपता  है !

          ©®डॉ सुजाता कुटे
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